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जू में सात दिन चला उपचार
बिलासपुर। औरापानी में घायल हुए गिद्ध को इलाज के लिए कानन पेंडारी जू लाया गया था, वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया है। स्वस्थ होने के बाद पांच माह के इस गिद्ध को रहवास के पास छोड़ा गया तो वह उड़ान भरकर परिवार के पास चला गया।
औरापानी में गिद्धों का प्राकृतिक रहवास है, जहां से उनके संरक्षण के लिए टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने हर संभव प्रयास कर रहा है। बेहतर मानिटरिंग के लिए एक गिद्ध मित्र दल भी बनाया गया। दल के सदस्य पूरे समय गिद्धों की निगरानी करते हैं। उन्हें जरा भी तकलीफ महसूस होती है तो इसकी जानकारी अधिकारियों को देकर उनके मार्गदर्शन पर तकलीफों को दूर करने का प्रयास किया जाता है। इसी सतर्कता का नतीजा है कि पांच माह का गिद्ध पूरी तरह स्वस्थ होकर घर वापसी की। सप्ताहभर पहले यह गिद्ध उड़ने में असमर्थ था। कहीं कोई चोट के निशान नहीं थे। इसी वजह से प्रबंधन की चिंता बढ़ गई और यही सोचने लगे कि आखिर कौन सी दिक्कत है, जिसके कारण उड़ान भरने में असमर्थ है। अचानकमार टाइगर रिजर्व से भारतीय गिद्ध को रेस्क्यू किया गया। इसके बाद इलाज के लिए कानन पेंडारी जू लाया गया। यहां जांच में पता चला कि वह शारीरिक रूप से कमजोर है। शायद आहार की कमी इसकी वजह हो सकती थी। जू में रखकर गिद्ध के आहार दिया गया। इसके अलावा दवाइयां भी दीं गई, ताकि वह जल्द स्वस्थ हो जाए।
