36 साल की उम्र में किया बच्ची से दुष्कर्म, 59 साल हाेने पर मिली सजा

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हाई कोर्ट ने छह साल की बच्ची के साथ रेप की कोशिश करने वाले आरोपी की अपील खारिज, तीन साल छह महीने की सजा बरकरार

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 2001 में छह साल की मासूम बच्ची के साथ रेप का प्रयास करने वाले 59 वर्षीय आरोपी की अपील को खारिज करते हुए उसे तीन साल छह महीने की सजा बरकरार रखी है। कोर्ट ने आरोपी को 28 दिनों के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया है, अन्यथा पुलिस को उसे गिरफ्तार कर जेल में दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

2001 की घटना, 2002 में सजा

घटना अगस्त 2001 की है, जब दुर्ग जिले में 36 वर्षीय आरोपी ने खेल रही एक छह साल की बच्ची को अपने घर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। बच्ची की मां ने रोने का कारण पूछा, तब बच्ची ने घटना की जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376 और 511 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने पीड़िता और अन्य गवाहों के बयानों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया और 2002 में तीन साल छह महीने की सजा के साथ 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

हाई कोर्ट में अपील खारिज

आरोपी ने जेल में 10 महीने 6 दिन बिताने के बाद निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी। उसके अधिवक्ता ने अपील के दौरान तर्क दिया कि मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार नहीं पाया गया है और आरोपी ने केवल प्रयास किया था। उन्होंने आरोपी के बुजुर्ग और दिव्यांग होने के आधार पर सजा में राहत की मांग की, लेकिन राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारियों ने कड़ी सजा की पैरवी की।

पॉक्सो एक्ट का जिक्र

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यदि यह अपराध पॉक्सो एक्ट लागू होने के बाद हुआ होता, तो आरोपी को आजीवन कारावास की सजा मिलती। हालांकि, घटना के समय धारा 375 के तहत मामला दर्ज हुआ था। हाई कोर्ट ने सत्र न्यायालय के फैसले में कोई त्रुटि न पाते हुए सजा में छूट देने से इनकार कर दिया।