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रायपुर: रायपुर के थाना मंदिर हसौद में नए अपराधिक कानून के अनुसार प्रार्थी नोहर दास रात्रे की रिपोर्ट पर अनावेदक अमित सिंह राजपूत के विरुद्ध गाली-गलौच और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में अपराध क्रमांक 495/24 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296 और 351(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। पहले यह मामला भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 294 और 506 के तहत दर्ज होता था।

एसएसपी रायपुर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि इसी तरह, थाना अभनपुर में नवीन कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 194 के तहत अकाल मृत्यु का मामला दर्ज किया गया है। सूचक लोकेश निषाद ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनका भाई टीकम निषाद ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। इस सूचना पर मर्ग क्रमांक 53/2024 के तहत धारा 194 BNSS कायम कर जांच कार्यवाही की जा रही है। पहले यह मामला भारतीय दंड संहिता (CRPC) की धारा 174 के तहत दर्ज होता था।
क्यों बनाए गए नए कानून?
भारत के नए कानून, विशेष रूप से भारतीय न्याय संहिता (BNS), का उद्देश्य देश की न्यायिक प्रणाली को अधिक आधुनिक और प्रगतिशील बनाना है। 160 साल पुराने अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC), और इंडियन एविडेंस एक्ट को प्रतिस्थापित कर ये तीन नए कानून – भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) – लाए गए हैं।

रायपुर एसएसपी संतोष कुमार सिंह नें बताया कि इनका मुख्य उद्देश्य न्यायिक प्रक्रियाओं में तेजी और पारदर्शिता लाना है, जिससे हर नागरिक को त्वरित और निष्पक्ष न्याय मिल सके। नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से देश की न्यायिक प्रणाली में एक नया दौर शुरू होगा, जो न केवल अभियुक्तों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित करेगा, बल्कि यह भी साबित करेगा कि सरकार न्यायिक प्रक्रियाओं को सुदृढ़ और सुरक्षित बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
नए कानूनों के लाभ
- त्वरित न्याय: नए कानूनों के तहत मामलों की सुनवाई और निर्णय प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाने का प्रयास किया गया है।
- पारदर्शिता: न्यायिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने के लिए नए प्रावधान शामिल किए गए हैं।
- न्याय का समावेश: इन कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रणाली को अधिक समावेशी और न्यायपूर्ण बनाना है।
- आधुनिकरण: पुराने कानूनों को आधुनिक समाज की जरूरतों के अनुरूप ढालने के लिए नए प्रावधान शामिल किए गए हैं।
- सुरक्षा: नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है, जिससे समाज में अपराध दर कम हो सके।
