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बिलासपुर।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने कवर्धा जिले में हुए सड़क हादसे में 19 आदिवासियों की मौत को जनहित याचिका माना है। चीफ जस्टिस ने रजिस्ट्रार जनरल को जनहित याचिका के रूप में प्रकरण की फाइल तैयार करने और रजिस्टर्ड करने के निर्देश दिए हैं। जनहित याचिका की पहली सुनवाई 24 मई को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में होगी। इससे पहले भी चीफ जस्टिस ने प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों से लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए स्वत: संज्ञान में लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। इसमें छग शासन के मुख्य सचिव, प्रदेशभर के कलेक्टर, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, स्टेट हाइवे के आला अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
कवर्धा जिले में कुकदूर थाना क्षेत्र के बाहपानी के पास सोमवार दोपहर भीषण हादसा हो गया था, जिसमें तेज रफ्तार अनियंत्रित पिकअप पलट कर खाई में गिर गई। इस हादसे में 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। चार घायलों ने उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया। 10 लोग घायल हैं, जिनका उपचार चल रहा है। हादसे के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मृतकों के स्वजनों को पांच लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। साथ ही प्रशासन को यह भी निर्देश दिया गया है कि सड़क सुरक्षा के प्रति अतिरिक्त सावधानी बरती जाए और ऐसे हादसे रोकने के लिए हर संभव उपाय करें।
नहीं होती है कार्रवाई
टैक्सी, पिकअप, आटो, बस और सवारी वाहनों में बेतरतीब तरीके से यात्रियों को बैठाया जाता है। इसके लिए न तो परिवहन विभाग सख्त है और न ही पुलिस ज्यादा सवारी भरने पर वाहन मालिक और चालकों के खिलाफ कार्रवाई करती है। ऐसे में वाहनों में हादसे की आशंका बनी रहती है।
10 अफसरों को बनाया पक्षकार
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के निर्देश पर हाई कोर्ट ने जनहित याचिका को सुनवाई के लिए रजिस्टर्ड किया है। इस मामले में पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव, परिवहन आयुक्त, स्टेट हाईवे और एनएचएआइ के साथ ही कलेक्टर कबीरधाम सहित 10 अफसरों को पक्षकार बनाया गया है। प्रारंभिक सुनवाई के दौरान सभी आला अधिकारियों की मौजूदगी को अनिवार्य किया गया है।
