Share this article
बिलासपुर:
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने मरवाही नगर पंचायत की मनोनित परिषद् को भंग करने का आदेश दिया है। राज्य सरकार द्वारा तीन ग्राम पंचायतों- मरवाही, कुम्हारी और लोहारी को मिलाकर बनाई गई इस नगर पंचायत के खिलाफ दायर याचिका पर जस्टिस पार्थ प्रीतम साहू की बेंच ने गुरुवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि एक महीने के भीतर इन तीनों ग्राम पंचायतों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों से नई परिषद् का गठन किया जाए।
भाजपा नेता किशन ठाकुर को नगर पंचायत का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था–
राज्य सरकार ने मरवाही, कुम्हारी और लोहारी ग्राम पंचायतों को मिलाकर मरवाही नगर पंचायत का गठन किया था, जिसकी अधिसूचना 27 जून को जारी की गई थी। इस नगर पंचायत में भाजपा नेता किशन ठाकुर को अध्यक्ष नियुक्त किया गया, साथ ही आठ अन्य सदस्यों को मनोनीत किया गया था। हालांकि, इस प्रक्रिया में तीनों ग्राम पंचायतों के सरपंचों को शामिल नहीं किया गया, जिससे असंतोष उत्पन्न हुआ।
प्रियदर्शिनी नहरेल ने दायर की याचिका–
मरवाही ग्राम पंचायत की तत्कालीन सरपंच प्रियदर्शिनी नहरेल ने इस नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के कलेक्टर, नवनियुक्त अध्यक्ष और आठ पार्षदों सहित कुल 11 लोगों को पक्षकार बनाया गया था।
समिति गठन में त्रुटि को लेकर अधिसूचना रद्द–
कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए माना कि नगर पंचायत की गठन प्रक्रिया में त्रुटियां थीं। इस कारण 27 जून को जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया गया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि इन त्रुटियों को सुधारते हुए एक नई परिषद् का गठन तीनों ग्राम पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधियों से किया जाए।
नई परिषद् गठन तक वर्तमान समिति रहेगी कार्यरत–
हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि नई समिति के गठन तक वर्तमान मनोनित समिति अपने कार्य जारी रखेगी।
