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नए कानून से मिलेगी पीड़ितों को राहत: एसपी रजनेश सिंह

बिलासपुर: भारतीय दंड संहिता से आगे बढ़कर नए कानून का क्रियान्वयन आज से शुरू हो गया है। इसका उद्देश्य पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाना और न्याय प्रणाली को अधिक पारदर्शी व संवेदनशील बनाना है। एसपी रजनेश सिंह ने नए कानून के लागू होने पर आयोजित उत्सव कार्यक्रम में इन बातों का उल्लेख किया।
सोमवार से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम देश में लागू हो गए हैं। पहले दिन जिले भर के थानों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को नए कानून की जानकारी दी गई। जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन बिलासागुड़ी में किया गया, जिसमें एसपी रजनेश सिंह ने कानून में हुए प्रमुख बदलावों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नए कानून के तहत आतंकवाद को विस्तार से परिभाषित किया गया है और इसके अंतर्गत कड़े दंड का प्रावधान है। साथ ही, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है और जांच व न्याय प्रक्रिया के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है।
कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और डिजीटल साक्ष्य एकत्रित करने के कार्यशाला का आयोजन भी किया गया है। कार्यक्रम के दौरान एएसपी अर्चना झा और गरिमा द्विवेदी ने महिलाओं और बच्चों से संबंधित कानून की जानकारी दी, जबकि एएसपी उमेश कश्यप ने कार्यक्रम को संबोधित किया।

मुख्य संबोधन
एसपी रजनेश सिंह: “नए कानून का उद्देश्य पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाना और न्याय प्रणाली को अधिक पारदर्शी व संवेदनशील बनाना है।”
कलेक्टर अवनीश शरण: “नए कानून के माध्यम से औपनिवेशिक मानसिकता को दूर किया गया है, जिससे जनता का न्याय प्रणाली पर विश्वास बढ़ेगा।”
आइजी डा. संजीव शुक्ला: “कानून में बदलाव अभूतपूर्व है। भारतीय न्याय संहिता में महिलाओं पर अपराध के लिए दंडात्मक धाराएं प्रमुख हैं, जो सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।”
विधायक अमर अग्रवाल: “ब्रिटिश कालीन कानून में आधुनिक युग के अनुसार ऐतिहासिक बदलाव किया गया है। यह जनहित के लिए किया गया व्यापक सुधार है।”
विधायक धरमलाल कौशिक: “नवीन कानून में इलेक्ट्रानिक साक्ष्य को कानूनी मान्यता दी गई है, जो न्याय प्रक्रिया को तेज और मजबूत करेगी।”
विधायक अटल श्रीवास्तव: “नया कानून ग्लोबलाइजेशन और आधुनिकीकरण के अनुरूप है, जिससे पीड़ितों को त्वरित न्याय मिलेगा।”
