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गौरेला-पेंड्रा-मरवाही:
3 दिसंबर को जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में सर्व हिंदू समाज के नेतृत्व में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस रैली में बड़ी संख्या में हिंदू समाज के लोग एकत्रित हुए और जोरदार नारों के साथ अपना विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शनकारियों ने “चिन्मय दास की रिहाई करो”, “मंदिरों और संतों पर हमला बंद करो”, “हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो”, “डूब मरो यूनुस सरकार” जैसे नारे लगाए।
विरोध प्रदर्शन के बाद एक हिंदू सभा आयोजित की गई, जिसमें प्रमुख संत और समाज के वरिष्ठजन शामिल हुए। सभा को संबोधित करते हुए स्वामी परमात्मानंद जी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और साधु-संतों की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “क्या बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ ऐसा व्यवहार करना उचित है? साधु-संतों को जेल में डालना कहां का न्याय है?” उन्होंने बांग्लादेश सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की मांग की।

सभा में अन्य वक्ताओं ने भी अपनी बात रखी और बताया कि बांग्लादेश सरकार अल्पसंख्यकों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है, जो पूरी तरह अनुचित है। सभा के अंत में एक ज्ञापन तैयार किया गया, जिसमें राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की गई। सभी उपस्थित लोगों ने इस ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और इसे अनुविभागीय अधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को सौंपा।
प्रदर्शन और सभा में बड़ी संख्या में संत, महिलाएं और पुरुषों ने हिस्सा लिया। प्रमुख रूप से उपस्थित संतों में स्वामी कृष्ण प्रपन्नाचार्य, साध्वी विजय उरमालिया, राघवेंद्र जी महाराज, पं. कृष्ण दत्त उरमालिया, योगी सुभाष नाथ और पुरुषोत्तम नाथ पीपरहा जी शामिल थे।
समाज के अन्य प्रमुखों और कार्यकर्ताओं में राजा उपेंद्र सिंह, हर्ष छाबरिया, अनिल सिंह, बृजलाल राठौर, रमाकांत जयसवाल, वीरेंद्र पंजाबी, संदीप सिंघाई, दुर्गेश यादव, रामजी श्रीवास, पवन त्रिपाठी, रज्जे अग्रवाल, पवन पैकरा, भूपेंद्र राठौर, भागवत राठौर, प्रकाश साहू, सागर पटेल, प्रिया त्रिवेदी, मीनू पांडेय, संतोषी साहू, रानी यादव, शालिनी पटेल, कुशुम गौतम, विनय पांडेय, नवीन विश्वकर्मा, भूपेंद्र चौधरी, देवांस तिवारी, शैलेष जायसवाल, सचिन पांडेय, उपेंद्र राय, प्रकाश पटेल, अनुराग पांडेय, अमन गुप्ता, आनंद यादव समेत बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
