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बिलासपुर: छत्तीसगढ़ बार काउंसिल में पिछले छह वर्षों से चुनाव नहीं होने के मामले में हाईकोर्ट ने एक बार फिर नाराजगी जाहिर की है। सोमवार को हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा अब तक शपथपत्र दाखिल न करने पर असंतोष व्यक्त किया।
कोर्ट ने 18 फरवरी 2025 को दिए गए आदेश के पालन की स्थिति पर जानकारी मांगी। इस दौरान बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अधिवक्ता ने बताया कि शपथपत्र डिस्पैच किया गया है, लेकिन अभी तक प्राप्त नहीं हुआ। इस पर बेंच ने कड़ी आपत्ति जताई।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले को जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया है। छह साल से चुनाव न होने के कारण अधिवक्ताओं के कल्याण से जुड़े कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं। 18 फरवरी को हुई सुनवाई में कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को चुनाव संबंधी नियमों और अधिसूचनाओं का अध्ययन कर स्पष्ट जवाब देने के निर्देश दिए थे, लेकिन निर्धारित समय में हलफनामा पेश नहीं किया गया।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। यदि अगली सुनवाई तक उचित हलफनामा दायर नहीं किया गया तो दोनों निकायों के खिलाफ प्रतिकूल निष्कर्ष निकाला जा सकता है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च 2025 को होगी।
