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स्कूलों की बदहाल स्थिति और लापरवाही पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
बिलासपुर में बच्ची की मौत, चनाडोंगरी हाई स्कूल में ट्रांसफार्मर खींचने में बच्चों को लगाया गया, मुंगेली में छत का प्लास्टर गिरा – कोर्ट ने मांगी जवाबदेही
बिलासपुर:
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्कूलों की सुरक्षा, भवनों की जर्जर हालत और व्यवस्थागत लापरवाही पर गंभीर रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की खंडपीठ ने कहा कि बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं होगा। अदालत ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य के स्कूलों में हो रही गंभीर लापरवाहियों पर कड़ा रुख अपनाया है। हाल ही में तखतपुर ब्लॉक के चनाडोंगरी हाई स्कूल में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने बच्चों से ट्रांसफार्मर खींचवाने का खतरनाक काम कराया, वहीं मुंगेली जिले के प्राथमिक शाला में छत का प्लास्टर गिरने से दो बच्चे घायल हो गए। इसके अलावा बिलासपुर के घोड़ादाना स्कूल परिसर में रखे गए डीजे उपकरण की रॉड गिरने से तीन साल की बच्ची की मौत हो गई। इन घटनाओं पर मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्त गुरु की खंडपीठ ने स्वतः संज्ञान लिया। कोर्ट ने राज्य सरकार को सभी मामलों की विस्तृत रिपोर्ट देने और पीड़ित बच्ची के परिवार को अतिरिक्त मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं।
चनाडोंगरी हाई स्कूल का मामला
8 अगस्त को तखतपुर ब्लॉक के चनाडोंगरी हाई स्कूल में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने ट्रांसफार्मर खींचने के काम में 9वीं-10वीं के बच्चों को लगा दिया। यह काम बेहद खतरनाक था और शिक्षकों की जानकारी के बिना हुआ। बाद में प्राचार्य ने बिजली विभाग को पत्र लिखकर कर्मचारियों की लापरवाही की शिकायत की।
मुंगेली में छत का प्लास्टर गिरा
7 अगस्त को मुंगेली जिले के प्राथमिक शाला बर्डुली में अचानक छत का प्लास्टर गिरने से दो बच्चों को चोट आई। घटना के बाद स्कूल को असुरक्षित मानकर कक्षाओं को आंगनबाड़ी भवन में शिफ्ट किया गया। कलेक्टर ने शिक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।
बिलासपुर में बच्ची की मौत
22 अगस्त को बिलासपुर के घोड़ाडाना स्कूल परिसर में रखे गए डीजे उपकरण की लोहे की रॉड गिरने से 3 साल की बच्ची की मौत हो गई। बच्ची आंगनबाड़ी में दर्ज नहीं थी, लेकिन माता-पिता के साथ स्कूल परिसर में थी। पुलिस ने दोषी के खिलाफ केस दर्ज किया।
राज्य सरकार की रिपोर्ट
शिक्षा विभाग ने कोर्ट को बताया कि –
- राज्य में 9865 स्कूल मरम्मत और उन्नयन के लिए चिन्हित किए गए हैं।
- इनमें से 4150 स्कूल जर्जर हालत में, जिनमें से 1157 को गिरा दिया गया है।
- मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत 25,193 स्कूलों में मरम्मत/निर्माण का काम स्वीकृत, जिनमें से 18,856 पूरे हो चुके।
- 1278 नए शौचालयों और 3710 पुराने शौचालयों की मरम्मत का काम स्वीकृत।
अदालत के निर्देश
- राज्य सरकार पीड़ित बच्ची के परिवार को 2 लाख रुपये अतिरिक्त मुआवजा दे।
- स्कूल परिसरों में असुरक्षित सामग्री, डीजे या बाहरी सामान रखने पर सख्त रोक लगे।
- सभी जिलों में नियमित निरीक्षण हो और लापरवाही पर अधिकारियों की जवाबदेही तय हो।
- मुआवजा
- बिलासपुर की घटना में मृत 3 साल की बच्ची के परिजनों को पहले दिए गए 50,000 रुपये के अलावा 2 लाख रुपये अतिरिक्त मुआवजा एक माह के भीतर दिया जाए।
- जिला कलेक्टर बिलासपुर इसकी भुगतान रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें।
- स्कूल परिसरों की सुरक्षा
- स्कूल, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य केंद्रों के परिसरों में कोई भी बाहरी/खतरनाक सामग्री (जैसे डीजे उपकरण, लोहे की रॉड आदि) नहीं रखी जाएगी।
- केवल शिक्षा व आंगनबाड़ी से संबंधित सामग्री ही परिसर में रखी जा सकेगी।
- जवाबदेही और निगरानी
- सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों और संबंधित विभागों को नियमित निरीक्षण करने के आदेश।
- अगर भविष्य में ऐसी लापरवाही दोहराई गई तो संबंधित अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी।
- स्कूल भवनों की स्थिति
- जर्जर स्कूल भवनों को सुरक्षित विकल्प में शिफ्ट करने का निर्देश।
- मरम्मत व निर्माण कार्य समय पर पूरे करने को कहा गया।
- शौचालय और आधारभूत सुविधाएं
- नए शौचालय निर्माण और पुराने शौचालयों की मरम्मत शीघ्र पूरी करने का आदेश।
- बच्चों की बुनियादी सुविधाओं की निगरानी पर राज्य सरकार से नियमित रिपोर्ट तलब।
अगली सुनवाई
मामले की अगली सुनवाई 9 अक्टूबर 2025 को होगी। तब तक राज्य सरकार को सभी पहलुओं पर विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।
