Share this article

खेत-खलिहान और पशुधन पर विशेष ध्यान
रायपुर: आचार संहिता की अवधि समाप्त होने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के विकास की गति तेज करने के लिए विभिन्न विभागों की मैराथन समीक्षा बैठकें शुरू की। उन्होंने कृषि से संबंधित विभागों से इसकी शुरुआत करते हुए अधिकारियों से उनकी तैयारियों के संबंध में जानकारी ली और खेती-किसानी से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। श्री साय ने जोर देकर कहा कि अच्छे परिणामों के लिए पूरी पारदर्शिता और तत्परता के साथ काम किया जाना अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री के निर्देश:
- उत्पादकता बढ़ाने के उपाय: मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए उन्हें हर संभव सहायता तत्परता से पहुंचाई जानी चाहिए। परंपरागत खेती के साथ-साथ आधुनिक खेती और नवाचारों से किसानों को अवगत कराना आवश्यक है।
- पशुधन सुरक्षा: वर्षा काल में पशुधन को बीमारियों से बचाने के लिए व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाने के निर्देश दिए।
गौवंश संरक्षण और दुग्ध उत्पाद
- गौ अभ्यारण्य की स्थापना: मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी संभागों में गौवंश की रक्षा और संवर्धन के लिए एक-एक गौ अभ्यारण्य की स्थापना की घोषणा की।
- दुग्ध उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग: श्री साय ने देवभोग दुग्ध उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) से विस्तृत अध्ययन कराने और अच्छी मार्केटिंग और ब्रांडिंग पर जोर दिया।
मछली पालन में नवाचार
- केज कल्चर और बॉयोफ्लाक: मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए केज कल्चर और बॉयोफ्लाक जैसे नवाचारों को अपनाने और किसानों को प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए।
- सोलर पंप की व्यवस्था: गर्मियों में तालाब सूखने की समस्या को हल करने के लिए सोलर पंप की व्यवस्था कर मछली पालन को पूरे वर्ष भर किया जा सके।
बैठक में मुख्य सचिव सहित अधिकारी उपस्थित
मुख्यमंत्री श्री साय की इस बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, डॉ. बसव राजु एस और राहुल भगत, संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला, सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में विभिन्न विभागों की आगामी कार्ययोजना और लक्ष्यों के बारे में विस्तृत चर्चा की गई।
