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बिलासपुर:
कोटा के ग्राम पटैता के कोरीपारा में टीकाकरण के बाद दो बच्चों की मौत के बाद पूरे जिले में नियमित टीकाकरण प्रभावित हो गया है। मंगलवार को होने वाला नियमित टीकाकरण अभियान रोक दिया गया, जिसके चलते जिलेभर में बच्चों को टीके नहीं लग पाए। इस घटना से हड़कंप मच गया है, लेकिन अब तक बच्चों की मौत की असली वजह सामने नहीं आ सकी है।
ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है और सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है। 29 अगस्त को हुए इस हादसे की जानकारी शासन स्तर तक पहुंच चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। सील किए गए वैक्सीन की अब तक जांच नहीं करवाई गई है, जिससे यह पता चल सके कि मौत का कारण वैक्सीन की खराबी थी या नहीं।
सोमवार को शासन स्तर से पांच सदस्यीय टीम गांव पहुंची थी, लेकिन उन्हें ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण ही दोनों बच्चों की जान गई है और अब मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। टीम ने बच्चों के जन्म और उनके इलाज से संबंधित दस्तावेजों को जांच के लिए अपने साथ ले लिया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अब इस टीम की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
सभी बच्चे हुए डिस्चार्ज
पिछले शुक्रवार को कुल आठ बच्चों को बीसीजी का टीका लगाया गया था, जिनमें से 24 घंटे के भीतर दो बच्चों की मौत हो गई और बाकी छह बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद सभी छह बच्चों को डिस्चार्ज कर दिया गया है।
