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बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी ने बलौदाबाजार में हुई भीड़ जनित हिंसा और आगजनी की घटना का संज्ञान लिया है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस भादुड़ी ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बलौदाबाजार को निर्देश जारी करते हुए पीड़ितों को क्षतिपूर्ति और राहत प्रदान करने की कार्यवाही करने का आदेश दिया है।
घटना का विवरण
10 जून 2024 को बलौदाबाजार में आंदोलित भीड़ ने एसपी और कलेक्टर कार्यालय में आग लगा दी। इस हिंसक घटना में लोगों के साथ मारपीट की गई और सरकारी कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई। घटना में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और सैकड़ों वाहन जलकर राख हो गए। सरकारी कार्यालयों में रखे महत्वपूर्ण दस्तावेज भी नष्ट हो गए।
जस्टिस गौतम भादुड़ी के निर्देश
जस्टिस गौतम भादुड़ी ने पीड़ितों को क्षतिपूर्ति और राहत प्रदान करने के लिए निम्नलिखित निर्देश जारी किए हैं:
- क्षतिपूर्ति और राहत: हिंसा और आगजनी की घटना में जिनकी संपत्ति का नुकसान हुआ है और जिन्हें चोटें आई हैं, उन्हें क्षतिपूर्ति और अंतरिम राहत प्रदान की जाए।
- विधिक सहायता क्लीनिक: नष्ट हुए दस्तावेजों को पुनः निर्मित करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में विधिक सहायता क्लीनिक संचालित किए जाएं।
- बीमा दावे: आगजनी में जलकर खाक हुए वाहनों के मालिकों के बीमा दावों के निपटान के लिए बीमा कंपनियों के साथ समन्वय स्थापित किया जाए और समुचित मामलों में बीमा लोकपाल की सहायता ली जाए।
- मनोवैज्ञानिक सहायता: हिंसा के कारण मनोवैज्ञानिक सदमे और अवसाद के शिकार व्यक्तियों के लिए मनोचिकित्सक की सहायता से काउंसिलिंग की व्यवस्था कराई जाए।
- निश्शुल्क इलाज: घायल व्यक्तियों का निश्शुल्क इलाज सुनिश्चित किया जाए या उनके इलाज में हुए वास्तविक व्यय का भुगतान विधि अनुसार किया जाए।
जस्टिस गौतम भादुड़ी ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बलौदाबाजार को निर्देश दिया है कि वे सभी सरकारी और गैर सरकारी एजेंसियों के माध्यम से तत्काल विधिक सहायता उपलब्ध कराएं और इस पूरी प्रक्रिया का पर्यवेक्षण करें।
