फिर चर्चा में आया चर्चित आरक्षक, पुलिसकर्मियों में हुई जमकर हाथापाई

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नशे में धुत्त आरक्षक ने फोन पर हवलदार व सिपाही को धमकाया और दी गालियां
पुलिस अधिकारियों ने मुलाहिजा कराया तो होने थाने के बाहर हुई धक्कामुक्की

बिलासपुर।
जिले के चर्चित आरक्षक दीपक उपाध्याय ने क्राइम ब्रांच के दो पुलिसकर्मियों को फोन करके जमकर गालियां दी और धमकाया। जब वे उसे समझाने थाने पहुंचे तो आरक्षक नशे में धुत्त मिला और उनसे धक्कामुक्की करने लगा। इस दौरान दोनों ओर से छीना-झपटी हुई। पुलिस अधिकारियों के आदेश पर आरक्षक का मुलाहिजा कराया गया है। पुलिस अधिकारी पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। तारबाहर थाने में पदस्थ आरक्षक दीपक उपाध्याय ने एसीसीयू (क्राइम ब्रांच) के हवलदार बलबीर सिंह और सरफराज खान को गुरुवार की देर शाम फोन करके लगातार गालियां देते हुए धमकियां दे रहा था। जिसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों से की गई और उसका आडियो उन तक पहुंचाया गया। इस पर अधिकारियों को संदेह हुआ कि आरक्षक नशे में है, इसलिए उसका मुलाहिजा कराने के आदेश थाना प्रभारी को दिए। साथ ही एसीसीयू के हवलदार और आरक्षक को थाने जाकर मामले की शिकायत थाना प्रभारी के पास करने के भी निर्देश दिए। दोनों पुलिसकर्मी थाने पहुंचे, वहां पर नशे में धुत्त आरक्षक भी मौजूद था, जिसका मुलाहिजा कराने पेट्रोलिंग पार्टी जा रही थी। इस बीच आरक्षक और क्राइम ब्रांच के स्टाफ के मध्य कहासुनी व गालीगलौज होने लगी। अन्य स्टाफ ने बीचबचाव किया, फिर भी उनके मध्य हाथापाई हो गई। आरक्षक दीपक का मुलाहिजा कराया गया। पुलिस अधिकारियों ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

हटाया गया आरक्षक-
इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी पुलिस अधिकारियों तक पहुंचाई गई है। पूरी घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने आरक्षक दीपक उपाध्याय को लाइन अटैच कर दिया, साथ ही मामले के जांच के निर्देश दिए। क्राइम ब्रांच के हवलदार बलबीर सिंह और आरक्षक सरफराज को भी लाइन भेज दिया गया है।

क्रिकेट सट्टे के नाम पर गुटबाजी की चर्चा-
अंदेशा जताया जा रहा कि क्रिकेट सट्टे के नाम पर विभाग के अंदर गुटबाजी शुरू हो गई है। पहले भी आइपीएल क्रिकेट सट्टे के नाम पर कई दफा पुलिस के कई स्टाफ सुर्खियों व विवादों में आ चुके हैं। पूर्व में आरक्षक दीपक क्राइम ब्रांच में रह चुका है, जिसे वहां से हटाया गया था। उसके बाद से यह आरक्षक व ब्रांच के अन्य स्टाफ के मध्य आपसी मनमुटाव की स्थिति बनी हुई है।

कुछ समय पहले हुई है वापसी-
आरक्षक दीपक उपाध्याय कुछ महीने पहले ही तारबाहर थाने में पदस्थ हुए हैं। इससे पहले उनकी पोस्टिंग केंदा में थी। उन्हें पूर्व एसपी ने क्राइम ब्रांच से हटाया था। यह पहली दफा नहीं था जब आरक्षक को ब्रांच से हटाया गया था, उससे पहले भी कई पुलिस अधिकारियों ने आरक्षक की कार्यप्रणाली व अन्य शिकायतों पर उन्हें साइबर सेल समेत अलग-अलग थाने से हटाते रहे हैं।