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बिलासपुर: अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर के आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ और जिला पुलिस बिलासपुर के संयुक्त तत्वावधान में “नवीन कानून दंड संहिता से न्याय संहिता की ओर” एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिलासपुर जिले के पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह थे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति आचार्य ए डी एन वाजपेई ने की।
कुलपति का उद्घाटन भाषण

कुलपति आचार्य ए डी एन वाजपेई ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा, “भारत ने वर्षों में सुदृढ़ता प्राप्त की है और हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। चंद्रमा पर चंद्रयान भेजने की उपलब्धि भारत ने लोकतंत्र को जीवित रखते हुए हासिल की है। राष्ट्रीय हित में न्याय प्रक्रिया में संशोधन होना समय की मांग है।”
पुलिस अधीक्षक का प्रेजेंटेशन

पुलिस अधीक्षक रजनीश सिंह ने अपने प्रेजेंटेशन में बताया कि 1 जुलाई 2024 से भारतीय दंड संहिता को बदलकर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में तब्दील किया जाएगा। उन्होंने कहा, “नए कानून में 358 धाराएं होंगी, जबकि पहले 511 धाराएं थीं। संगठित अपराध, साइबर फ्रॉड और अन्य अपराधों को रोकने के लिए नए प्रावधान जोड़े गए हैं।”
मुख्य बिंदु
- सुधार: भारतीय दंड संहिता में खामियों को सुधारकर नए प्रावधान जोड़े गए
- प्रमुख परिवर्तन:
- 358 नई धाराएं
- संगठित अपराध के लिए 111 सेक्शन
- साइबर फ्रॉड के लिए विशेष प्रावधान
- महत्वपूर्ण प्रावधान:
- माब लीचिंग और चैन स्नैचिंग रोकने के उपाय
- महिला प्रताड़ना और बलात्कार मामलों में सख्त नियम
- लैंगिक समानता और तृतीय लिंग की परिभाषा
- 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ अपराध में मौत की सजा
- कुछ अपराधों में कम्युनिटी सर्विस की सजा
विशेष प्रावधान
- साक्षी सुरक्षा: गवाहों की सुरक्षा के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देशित
- मेडिकल रिपोर्ट: डॉक्टर को सात दिनों में मेडिकल रिपोर्ट देने का प्रावधान
- वॉइस सेंपलिंग: आवश्यकता पड़ने पर अपराधियों से वॉइस सेंपल लेने की अनुमति
कार्यक्रम के अन्य वक्ता

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ. शैलेंद्र दुबे, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. एच एस होता, सुमोना भट्टाचार्य, तारबाहर थाना प्रभारी गोपाल सतपथी, बिलासपुर जिले के तहसीलदार ओम प्रकाश चंद्रवंशी, और विभिन्न महाविद्यालयों से आए शोधार्थी, विधि के छात्र, एवं विश्वविद्यालय शिक्षक विभाग के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
कार्यक्रम संचालन
कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. मनोज सिन्हा ने किया।
