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कृषि और उद्यानिकी विभागों की विस्तृत समीक्षा, किसानों की बेहतरी पर विशेष ध्यान
रायपुर: प्रदेश में विकास की गति को तेज करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विभागवार समीक्षा बैठकों का सिलसिला शुरू किया। बैठक की शुरुआत अन्नदाताओं से जुड़े कृषि और उद्यानिकी विभाग की समीक्षा से की गई। इस बैठक में कृषि विकास, किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रामविचार नेताम भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय ने अपने व्यक्तिगत खेती-किसानी के अनुभव साझा करते हुए अधिकारियों को किसानों की समस्याओं और आवश्यकताओं को समझने की सलाह दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसानों को डीएपी खाद की मांग के अनुसार सही खाद मिले और खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
खरीफ सीजन की तैयारी
मुख्यमंत्री ने खरीफ मौसम के लिए सभी आवश्यक तैयारियों को पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद-बीज का वितरण उनकी मांग के अनुरूप तत्परता से किया जाए और इसकी नियमित मॉनिटरिंग हो। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि खरीफ सीजन 2024 के लिए राज्य में खाद और बीज की पर्याप्त उपलब्धता है। 544 लाख टन बीज की मांग के मुकाबले 431 लाख टन का भण्डारण किया जा चुका है और 261 लाख टन बीज का वितरण किसानों को किया जा चुका है।
सुंगंधित और महीन धान की किस्मों को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने सुगंधित और महीन धान की किस्मों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में सुगंधित धान की लगभग 200 किस्में हैं, जिनकी बाजार में अच्छी मांग है और इन्हें विदेशों में निर्यात भी किया जा सकता है।
उद्यानिकी फसलों का प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के निर्देश देते हुए कहा कि जशपुर जिले में आम, लीची, कटहल का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। इसके प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना भी की जाए। उन्होंने फूलों की खेती, सोयाबीन, सेब, पॉम ऑयल और चाय की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तर पर प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश भी दिए।
तकनीकी नवाचार और डिजिटल गिरदावरी
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के तीन जिलों महासमुंद, धमतरी और कबीरधाम में ई-गिरदावरी का कार्य प्रारंभ होगा। इसके तहत किसानों और भू-नक्शों का डिजिटल डाटा बेस तैयार किया जाएगा, जिससे जीआईएस डिजिटल फसल सर्वेक्षण का कार्य मोबाइल एप के माध्यम से किया जा सकेगा।
सेंटर फॉर एक्सिलेंस की स्थापना
उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए ‘सेंटर फॉर एक्सिलेंस’ की स्थापना की जाएगी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत अधिक से अधिक किसानों को जागरूक करने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, डॉ. बसवराजु एस., राहुल भगत, कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को खरीफ सीजन 2024 की तैयारियों और योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि में नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए तत्परता से कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को जैविक खेती, आधुनिक खेती और कृषि उपकरणों की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि प्रदेश के किसान समृद्धि की ओर अग्रसर हो सकें।
