इधर चल रहा टेंडर, उधर लगने लगा टेंट..

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बालोद में आयोजन से पहले ही टेंडर प्रक्रिया विवादों में

शिक्षा विभाग की टेंडर प्रक्रिया को लेकर उठने लगे सवाल

बालोद:
बालोद जिले में अगले माह प्रस्तावित राष्ट्रीय रोवर रेंजर जंबूरी 2026 की मेजबानी भले ही जिले के लिए गौरव की बात हो, लेकिन आयोजन की शुरुआती तैयारियां ही गंभीर सवालों के घेरे में आ गई हैं। अस्थायी निर्माण कार्यों की शुरुआत टेंडर प्रक्रिया के बीच ही कर दिए जाने से शिक्षा विभाग और आयोजन व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं।


टेंडर प्रक्रिया के दौरान ही शुरू हुआ निर्माण

जानकारी के अनुसार जंबूरी के निर्माण और व्यवस्थाओं के लिए 10 दिसंबर को जेम पोर्टल पर टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई थी, जो 20 दिसंबर तक जारी रही। हैरानी की बात यह है कि टेंडर की प्रक्रिया अभी चल ही रही थी, उसी दौरान आयोजन स्थल पर टेंट, पंडाल और अन्य अस्थायी निर्माण कार्य शुरू कर दिए गए।

पहले से तय थी ठेकेदार कंपनी?

स्थल पर काम की रफ्तार और संसाधनों की उपलब्धता को देखकर यह सवाल उठ रहा है कि क्या टेंडर केवल औपचारिकता भर था। स्थानीय लोगों और जानकारों का कहना है कि इससे साफ संकेत मिलते हैं कि काम पहले ही किसी खास कंपनी को दे दिया गया था और टेंडर प्रक्रिया सिर्फ दिखावे के लिए पूरी की गई।

शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल

राष्ट्रीय रोवर रेंजर जंबूरी का आयोजन शिक्षा विभाग के अधीन स्काउट-गाइड संगठन के माध्यम से होना है। ऐसे में बिना टेंडर प्रक्रिया पूरी हुए निर्माण कार्य शुरू होना विभागीय नियमों और वित्तीय प्रक्रियाओं का खुला उल्लंघन माना जा रहा है। इससे शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

पारदर्शिता और निष्पक्षता पर संदेह

आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर का है, जिसमें देश-विदेश से हजारों रोवर-रेंजर के शामिल होने की संभावना है। ऐसे बड़े आयोजन में यदि शुरुआती स्तर पर ही पारदर्शिता नहीं बरती गई, तो भविष्य में वित्तीय अनियमितताओं और गुणवत्ता से समझौते की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।