कोरबा के प्रदूषण पर हाईकोर्ट सख्त: बाल्को को बनाया पक्षकार, पर्यावरण बोर्ड और उद्योग सचिव से व्यक्तिगत रिपोर्ट मांगी

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कोयला परिवहन, फ्लाई ऐश प्रबंधन और भारी वाहनों की अव्यवस्था पर जताई चिंता
अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी

बिलासपुर:
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कोरबा जिले में बढ़ते प्रदूषण, फ्लाई ऐश के अनियंत्रित परिवहन और भारी वाहनों से बिगड़ती व्यवस्था पर गहरी चिंता जताई है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की खंडपीठ ने इस मामले में स्वतः संज्ञान में दर्ज जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और उद्योगों पर सख्त टिप्पणियां कीं।

कोर्ट ने कहा – कोरबा में जीवन प्रभावित, उड़ती राख और गड्ढों से नागरिक त्रस्त

कोर्ट ने कहा कि कोरबा में कोयला ढुलाई के कारण सड़कों पर गड्ढे, उड़ती राख और भारी वाहनों की अवैध पार्किंग से आमजन का जीवन प्रभावित हो रहा है। अदालत ने निर्देश दिया कि बाल्को (BALCO) को आवश्यक पक्षकार बनाया जाए और एक दिन के भीतर नोटिस जारी किया जाए। राज्य सरकार के वकील को आदेश दिया गया कि वे बाल्को को कोर्ट आयुक्त की रिपोर्ट की प्रति भेजें।

कोर्ट आयुक्त की रिपोर्ट में सामने आई भयावह स्थिति

कोर्ट आयुक्त रवींद्र शर्मा की 8 अक्टूबर 2025 की रिपोर्ट में कहा गया कि-

  • कोरबा शहर कोयला खनन क्षेत्र के रूप में पूरी तरह प्रभावित है।
  • सड़कों पर गहरे गड्ढे और उड़ती राख से दुर्घटनाएं बढ़ी हैं।
  • कारखानों की चिमनियों से लगातार धुआं निकल रहा है, जिससे वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब है।
  • नागरिक श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं।
  • भारी वाहनों की अवैध पार्किंग और ट्रैफिक जाम आम बात हो चुकी है।

रिपोर्ट में कहा गया कि शिकायतों और आंशिक कार्यवाही के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। तत्काल ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।

पर्यावरण बोर्ड और उद्योग सचिव से व्यक्तिगत शपथपत्र मांगा गया

अदालत ने निर्देश दिया कि छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल और वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव व्यक्तिगत शपथपत्र दाखिल करें। इन रिपोर्टों को मुख्य सचिव के संज्ञान में भी लाने के आदेश दिए गए हैं ताकि वे भी बताएं कि अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।

सभी पावर प्लांट्स को जिम्मेदारी निभाने का निर्देश

कोर्ट ने कहा कि दोनों सचिव यह सुनिश्चित करें कि कोरबा क्षेत्र के सभी थर्मल पावर प्लांट्स प्रदूषण नियंत्रण मानकों का सख्ती से पालन करें और प्रभावी सुधारात्मक कदम उठाएं। मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर 2025 को होगी।