पुलिस अफसरों के खिलाफ अवमानना की कोशिश नाकाम, हाईकोर्ट ने अपील को किया दरकिनार

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कोर्ट ने कहा- जब कार्यवाही शुरू ही नहीं हुई, तो अपील कैसी? मामला अपील योग्य नहीं

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने धमतरी के पूर्व पुलिस अधीक्षक समेत अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने से इनकार के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया है। डिवीजन बेंच ने कहा कि जब एकल पीठ ने कार्यवाही शुरू ही नहीं की, तो अपील की कोई वैधता नहीं बनती।

क्या है मामला?

धमतरी निवासी शैलेन्द्र ज्ञानचंदानी ने आरोप लगाया था कि पुलिस अफसर एसपी अंजनेय वैष्णव, सीएसपी नेहा पवार, थाना प्रभारी राजेश मरई और अमित बघेल ने सुप्रीम कोर्ट के अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य (2014) मामले के निर्देशों की अवहेलना करते हुए गिरफ्तारी की प्रक्रिया अपनाई, जो अदालत की अवमानना है। उन्होंने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी, जिसे एकल पीठ ने 21 अक्टूबर 2024 को खारिज कर दिया था।

डिवीजन बेंच में अपील

याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि एकल पीठ का आदेश कानूनी त्रुटि है और यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी है। लेकिन न्यायमूर्ति संजय कुमार अग्रवाल और न्यायमूर्ति सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच ने इसे सुनवाई योग्य नहीं माना। कोर्ट ने कहा कि, अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 19(1)(ए) के अनुसार अपील तभी संभव है जब दंडादेश दिया गया हो। यहां कार्यवाही ही शुरू नहीं हुई, इसलिए अपील नहीं की जा सकती।

फैसले का निचोड़:

  • याचिका: धमतरी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की मांग।
  • एकल पीठ ने कार्यवाही से इनकार कर याचिका खारिज की।
  • डिवीजन बेंच ने अपील को प्रारंभिक स्तर पर ही खारिज कर दिया।
  • कहा— “जब कार्यवाही शुरू ही नहीं हुई, तो अपील का प्रश्न नहीं उठता।”