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हाईकोर्ट ने अधिवक्ता को भेजा अवमानना नोटिस, 18 जुलाई को किया तलब
मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने जताई नाराजगी, कहा– कोर्ट की गरिमा के खिलाफ की गई टिप्पणी अस्वीकार्य
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक अधिवक्ता द्वारा खुले कोर्ट में कथित तौर पर की गई अवमाननापूर्ण टिप्पणी को गंभीरता से लेते हुए उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू कर दी है। इस मामले में मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति विभुदत्त गुरु की डिवीजन बेंच ने अधिवक्ता सैमसन सैमुअल मसीह को नोटिस जारी कर 18 जुलाई 2025 को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
किस मामले में हुआ विवाद-
यह प्रकरण श्यामलाल मलिक बनाम ममता दास याचिका से जुड़ा है, जिसमें जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की एकलपीठ ने 3 जुलाई 2025 को फैसला सुनाते हुए याचिका खारिज कर दी थी। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सैमसन मसीह और वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. निर्मल शुक्ला, जबकि प्रतिवादियों की ओर से अधिवक्ता वरुण वत्स उपस्थित थे।
कोर्ट में क्या बोले अधिवक्ता-
फैसला सुनाए जाने के बाद अधिवक्ता सैमसन मसीह ने खुले कोर्ट में कथित तौर पर कहा-
“मुझे पता था कि मुझे इस पीठ से न्याय नहीं मिलेगा।”
कोर्ट ने इस टिप्पणी को गंभीरता से लेते हुए इसे न्यायालय की गरिमा और प्रतिष्ठा के विरुद्ध माना। मामला 10 जुलाई को प्रशासनिक पक्ष से मुख्य न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसके बाद इसे विधिवत अवमानना याचिका के रूप में दर्ज कर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।
न्यायालय ने क्या कहा-
सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा- “एक अधिवक्ता केवल अपने मुवक्किल का प्रतिनिधि नहीं होता, बल्कि वह न्यायालय का अधिकारी भी होता है। उसे न्यायिक मर्यादा, अनुशासन और पेशेवर नैतिकता का पालन करना अनिवार्य है।”
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अधिवक्ता द्वारा न्यायाधीश के विरुद्ध की गई टिप्पणी पूर्णतः अनुचित, अस्वीकार्य और न्यायपालिका की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली है। इसलिए अधिवक्ता के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करना आवश्यक है।
अगली सुनवाई 18 जुलाई को-
कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया है कि वे अधिवक्ता सैमसन सैमुअल मसीह को नोटिस जारी करें और उन्हें 18 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहें। अधिवक्ता को यह बताना होगा कि उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए। उसी दिन इस मामले पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
