छत्तीसगढ़ में बांग्लादेशी महिला और पति गिरफ्तार

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पहचान छिपाकर रह रहे थे फर्जी दस्तावेजों के सहारे
एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, पासपोर्ट और विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत केस दर्ज

भिलाई/दुर्ग।
छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) व दुर्ग पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। भिलाई के सुपेला थाना क्षेत्र अंतर्गत कांट्रेक्टर कॉलोनी में एक महिला और उसके पति को गिरफ्तार किया गया है, जो अपनी असली पहचान छिपाकर भारत में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रह रहे थे। दोनों आरोपियों के खिलाफ विदेशी नागरिक अधिनियम, पासपोर्ट अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर कार्रवाई की गई है।

वीजा समाप्त, पहचान बदली और दस्तावेज फर्जी

गिरफ्तार महिला की असली पहचान शाहीदा खातून (35) के रूप में हुई है, जो बांग्लादेश के जेस्सोर जिले की निवासी है। उसका पति मोहम्मद रासेल शेख (36) भी बांग्लादेश का ही रहने वाला है। जांच में सामने आया कि महिला ने भारत में वीजा समाप्त होने के बाद अपनी पहचान बदलकर ‘ज्योति रासेल शेख’ नाम रख लिया और पति के साथ कांट्रेक्टर कॉलोनी में किराये पर रह रही थी।

दोनों ने आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र और बैंक पासबुक सहित अन्य दस्तावेज फर्जी तरीके से तैयार कर लिए थे। दस्तावेजों में उन्होंने अपना पता भी बदलकर भारतीय पते दर्ज करा दिए थे। इन फर्जी कागजातों के जरिए दोनों भारत में नागरिक सुविधाओं का लाभ उठा रहे थे।

पहले भी कर चुके हैं अवैध प्रवेश

मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी विजय अग्रवाल

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बताया कि, एसटीएफ की जांच में यह भी सामने आया कि महिला वर्ष 2009 में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर से अवैध तरीके से पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में दाखिल हुई थी। वहां मजदूरी करते समय उसकी पहचान मोहम्मद रासेल से हुई, जो खुद बांग्लादेश का निवासी है। दोनों मुंबई में भी रहे और फिर पासपोर्ट बनवाकर 2017 में भारत आए। हालांकि वीजा की वैधता खत्म हो चुकी थी लेकिन इसके बावजूद दोनों अवैध रूप से भिलाई में रह रहे थे।

सतत संपर्क में थे बांग्लादेश के रिश्तेदारों से

जांच में यह भी पता चला कि दोनों आरोपी इंटरनेट कॉल और व्हाट्सएप के जरिए बांग्लादेश में अपने रिश्तेदारों से लगातार संपर्क में थे। इससे सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि इनका नेटवर्क व्यापक हो सकता है।

जांच में फर्जी निकले दस्तावेज

एसटीएफ की टीम ने सूचना मिलने पर सुपेला क्षेत्र स्थित दुर्गा बाई के मकान में दबिश दी। वहां महिला और उसके पति से पूछताछ की गई। शुरुआत में दोनों ने खुद को भारतीय नागरिक बताया और ज्योति एवं रासेल शेख के नाम से पहचान पत्र दिखाए। जब दस्तावेजों की जांच की गई तो वे फर्जी निकले। गहन पूछताछ में दोनों ने अपनी असली पहचान और बांग्लादेशी नागरिक होने की बात कबूल की।

जिन धाराओं में मामला दर्ज किया गया:

  • धारा 318(4), 319(2), 336(3), 3(5) BNS
  • विदेशी नागरिक अधिनियम 1946 की धारा 14
  • पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12
  • पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920 की धारा 3

कार्रवाई में ये अधिकारी रहे शामिल

इस पूरी कार्रवाई को एसटीएफ प्रभारी नगर पुलिस अधीक्षक सत्य प्रकाश तिवारी के मार्गदर्शन में अंजाम दिया गया। निरीक्षक राजेश मिश्रा, निरीक्षक विजय यादव (थाना प्रभारी सुपेला) और एसटीएफ के सउनि रमेश सिन्हा, पंकज चतुर्वेदी और संतोष गुप्ता की सराहनीय भूमिका रही।

लगातार जारी है पहचान और कार्रवाई

एसएसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि दुर्ग जिले में चोरी-छिपे रह रहे अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान और उनके खिलाफ कार्रवाई का अभियान लगातार चलाया जा रहा है। गिरफ्तार दोनों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।