काउंसलिंग से रिश्तों में फिर आई मिठास: रायपुर के परिवार परामर्श केंद्र की अनूठी पहल

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काउंसलिंग के बाद परिवारों में लौटी खुशियां, बच्चों को मिली मानसिक राहत
स्वयंसेवी काउंसलरों की महत्वपूर्ण भूमिका सराहनीय

रायपुर:
रायपुर पुलिस के परिवार परामर्श केंद्र ने परिवारिक और घरेलू विवादों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाते हुए कई परिवारों को टूटने से बचाया है। रोजाना सैकड़ों मामले महिला थाना में आते हैं, जो अक्सर बेहद संवेदनशील होते हैं। रायपुर के एसएसपी डॉ. संतोष सिंह के मार्गदर्शन और एएसपी IUCAW ममता देवांगन के निर्देशन में इन मामलों की नियमित काउंसलिंग करवाई जाती है।

इस परिवार परामर्श केंद्र में 22 काउंसलर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जो समाज के विभिन्न क्षेत्रों से आए हैं। जनवरी से अगस्त 2024 के बीच महिला थाना, रायपुर में 1656 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 718 मामलों में दोनों पक्षों को बुलाकर सफल काउंसलिंग की गई। इन ऐच्छिक काउंसलरों ने अपने अनुभव और प्रयासों से कई परिवारों को टूटने से बचाया है।

कुछ ऐसे मामले, जिनके टूटते रिश्तों को जोड़ा गया:

  1. सीमा और राकेश श्रीवास्तव का मामला
    सीमा और राकेश की शादी 2004 में हुई थी। घरेलू कलह और शराब की लत के कारण सीमा ने महिला थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। काउंसलिंग के तीन सत्रों के बाद, राकेश ने शराब पीना कम कर दिया और परिवार में शांति लौटी। अब वे अपने बच्चे के साथ प्रेमपूर्वक जीवन यापन कर रहे हैं।
  2. रिया और रूपम सिन्हा का मामला
    रिया की शादी 2021 में हुई थी, लेकिन शादी के कुछ महीनों बाद ही सास और पति द्वारा प्रताड़ित किए जाने के कारण उन्होंने शिकायत दर्ज कराई। काउंसलिंग के बाद, अब वह अपने सास और पति के साथ शांति से रह रही हैं।
  3. राधा रानी और राम कुमार का मामला
    राधा और राम के बीच मतभेद होने के कारण महिला थाना में शिकायत की गई थी। काउंसलिंग के बाद, दोनों पक्षों ने सुलह कर ली और अब वे प्रेमपूर्वक साथ में रह रहे हैं।
  4. रवीना देवी और रवि कुमार का मामला
    प्रेम विवाह के बाद रवीना को ससुरालवालों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। तीन काउंसलिंग सत्रों के बाद, दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया और अब वे किराये के मकान में शांतिपूर्ण जीवन बिता रहे हैं।
  5. रश्मि बाई और उमेश कुमार का मामला
    17 साल की शादी के बाद, पिछले दो वर्षों से रश्मि और उमेश के बीच छोटी-छोटी बातों पर झगड़े हो रहे थे। महिला थाना में शिकायत के बाद काउंसलिंग कराई गई, जिससे अब वे अपने ढाबे के व्यवसाय को चलाते हुए सुखी जीवन बिता रहे हैं।

नोट: पीड़ित और उनके परिजनों की पहचान गोपनीय रखने के लिए खबर में उनके नाम काल्पनिक लिखें गए हैं।

परिवार परामर्श केंद्र ने न सिर्फ विवादित परिवारों को सुलह करने का मौका दिया है, बल्कि उनके बच्चों को भी मानसिक राहत दी है।