बिलासपुर: हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना, कलेक्टर के खिलाफ अवमानना की हो सकती है कार्रवाई…

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बिलासपुर:

बिलासपुर में हाई कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने का मामला सामने आया है, जिसमें बिलासपुर कलेक्टर को अब अवमानना के मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है। हाई कोर्ट ने कलेक्टर अवनीश शरण से आदेश की नाफरमानी पर जवाब मांगा है। यदि कोर्ट कलेक्टर के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ तो उनके खिलाफ क्रिमिनल प्रोसिडिंग शुरू होगी, जिसमें सजा का भी प्रावधान है।

मामला:

नेवसा निवासी किसान अजय कश्यप ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें बताया गया कि पुनीतराम कश्यप ने उनकी संयुक्त कृषि भूमि को बिना किसी जानकारी के किसान पोर्टल पर अपने नाम से पंजीकृत करा लिया है। इसके बाद पुनीतराम बाजार से धान खरीदकर समिति में बेच रहा है, जिससे अजय और उनके परिवार को अपनी भूमि का उपयोग करने में दिक्कत हो रही है। अजय ने तहसीलदार, एसडीएम और कलेक्टर तक गुहार लगाई, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई। अंततः अजय ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां से दिसंबर 2023 में कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया गया था।

कोर्ट की कार्रवाई:

कलेक्टर द्वारा कोर्ट के आदेश की अनदेखी करने पर अजय ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। इस बार हाई कोर्ट ने कलेक्टर को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाए। कलेक्टर अवनीश शरण को जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।

पटवारी की रिपोर्ट:

याचिकाकर्ता अजय कश्यप ने अपनी शिकायत एसडीएम को दी थी, जिसके बाद एसडीएम ने पटवारी को जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। जांच में पटवारी ने पुनीतराम द्वारा की जा रही गड़बड़ी की पुष्टि की और रिपोर्ट एसडीएम को सौंप दी। बावजूद इसके, किसान पोर्टल से पुनीतराम का नाम डिलीट नहीं किया गया।

हाई कोर्ट के आदेश:

हाई कोर्ट ने कलेक्टर को 30 दिनों के भीतर मामले का निराकरण करने का आदेश दिया था, लेकिन आदेश का पालन नहीं हुआ। 15 फरवरी 2024 को हाई कोर्ट ने कलेक्टर और राजस्व अफसरों को एक और अवसर देते हुए आदेश का जल्द पालन करने की हिदायत दी थी।

संभावित सजा:

न्यायालयीन आदेश की अवहेलना के आरोप में संबंधित अधिकारी को छह महीने की सजा और दो हजार रुपये जुर्माना हो सकता है।