हाई कोर्ट में साइबर अपराध पर डीजीपी का हलफनामा, 480 एफआईआर दर्ज

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बिलासपुर: डीजीपी ने हाई कोर्ट में पेश किए गए हलफनामे में बताया कि राज्य में विभिन्न पुलिस स्टेशनों और साइबर पुलिस स्टेशनों के तहत 480 एफआईआर दर्ज की गई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आईटी एक्ट के तहत अगस्त 2023 से मार्च 2024 की अवधि में राज्य में साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 भी 24 घंटे कार्यरत है।

हाई कोर्ट का संज्ञान

गृह विभाग के जवाब के बाद हाई कोर्ट ने जनहित याचिका निराकृत कर दी, जो साइबर मामलों में पुलिस की असफलता को लेकर समाचार के आधार पर संज्ञान में ली गई थी। एक समाचार माध्यम के अनुसार, राज्य में पुलिस ने साइबर थानों के तहत सात माह में सिर्फ सात मामले दर्ज किए हैं, जिसमें केवल तीन साइबर निरीक्षक जांच कर रहे थे और कोई पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी।

गृह विभाग का जवाब

हाई कोर्ट ने इस समाचार को संज्ञान में लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की और डीजीपी को नोटिस जारी किया था। डीजीपी ने चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में शपथपत्र पेश कर बताया कि पुलिस स्टेशनों की सहायता के लिए पुलिस मुख्यालय में राज्य साइबर पुलिस स्टेशन और राज्य साइबर फोरेंसिक लैब कार्यरत हैं।

साइबर पुलिस स्टेशनों की भूमिका

डीजीपी ने बताया कि रेंज साइबर पुलिस स्टेशनों को साइबर अपराधों की जांच के अलावा कई अन्य कार्य भी सौंपे जाते हैं और वे पुलिस के बीच एक सेतु का काम करते हैं। ये स्टेशन जटिल और गंभीर साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों से निपटते हैं और राज्य साइबर पुलिस स्टेशन साइबर अपराध जांच में विभिन्न जिला इकाइयों को तकनीकी सहायता भी प्रदान करते हैं।

बिलासपुर रेंज

बिलासपुर रेंज के अंतर्गत पुलिस स्टेशनों में केवल एक साइबर पुलिस स्टेशन है, लेकिन डीजीपी ने बताया कि यह कहना गलत है कि साइबर पुलिस स्टेशन वेब कंपनी साइबर अपराध की शिकायतों को दर्ज करने के लिए उच्च न्यायालय में पीड़ितों के लिए उपलब्ध कई अन्य प्लेटफार्मों में से एक है। प्रमुख प्लेटफार्मों में से एक राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल भी है।

वित्तीय कार्रवाई

डीजीपी ने बताया कि अपराधियों और ठगों के बैंक खातों से 20 करोड़ रुपये निकाले गए थे, जबकि एक करोड़ रुपये वापस कर दिए गए हैं।